तैयार हैं या नहीं? 32वें हफ्ते में जब आपके शिशु के जन्म में अभी भी अच्छी-खासी देर होती है, आप और आपका शिशु बर्थ कैनाल की यात्रा के लिए तैयार हो रहे होते हैं। शिशु अपने अवतरण के लिए तैयार हो रहा होता है - जो संभवतः सिर नीचे वाली पोज़िशन में होता है और वह अधिक तंग महसूस कर रहा होता है।
आपका शिशु पसलियों को छू रहा होता है और वाकई वह उस जगह का अपनी सुविधा अनुसार इस्तेमाल कर रहा होता है। हर दिन कैल्शियम वाले आहारों की 3-4 ख़ुराक लेने का ध्यान रखें, दूध, चीज़, दही, बादाम, चबाने योग्य हड्डियों वाली मछली, हरी पत्तीदार सब्जियाँ इसके अच्छे स्रोत होते हैं।
इस हफ्ते आपके शरीर में होने वाले बदलाव
आपके पेट की माप अब गर्भाशय के शीर्ष से लेकर पेल्विक बोन तक लगभग 30 से 34 centimeters तक होनी चाहिए। कभी-कभी अब से लेकर 34वें हफ्ते के बीच आपका शिशु आपकी पसलियों के समीप से आपके पेड़ू के समीप तक नीचे “खिसक” सकता है, जहाँ वहाँ जन्म लेने तक सिर-नीचे की अवस्था में अटका रहता है। जब यह होता है, तो आप गौर कर सकती हैं कि आपको "ऊपर उभार” की बजाए "नीचे उभार” का एहसास होने लगता है। हालांकि जरूरी नहीं कि यह होगा ही; कुछ शिशु माँ के प्रसव पीड़ा में जाने तक नीचे नहीं खिसकते।
यदि आपके पेट में जुड़वां शिशु हैं, तो जाहिर तौर से आप दूसरों की तुलना में नीचे की ओर अधिक वज़न महसूस करेंगी। और इस बात की संभावना होती है कि अब आप शिशु जन्म के भी काफी करीब आ गई हैं।
इस हफ्ते के सुझाव
- आपने प्रसव के लिए कई विकल्प सोच रखे हो सकते हैं- अब सही समय है कि आप इसकी प्रक्रियाओं से अवगत हो जाएं और संभव हो तो चाइल्डबर्थ क्लास में दाखिला ले लें।बिस्तर से उतरते समय, पहले अपने किनारे पर रोल करें और फिर अपने हाथों का इस्तेमाल कर खुद को बैठने की स्थिति में "लाएँ"। अपने निचले हिस्से को बिस्तर के किनारे पर ले जाएँ ताकि आपको जरूरत से ज्यादा आगे की ओर झुकने या दबाव डालने की आवश्यकता न पड़े। बड़ी मात्रा में बार-बार भोजन लेने से आपका पेट भारी लग सकता है। इसकी बजाए आप हल्के और सुपाच्य भोजन लें।
- फल, सब्जियाँ, टोस्टेड सैंडविच, सलाद, दही, अनाज, क्रैकर्स और चीज़ ये सभी स्वास्थ्यवर्धक स्नैकिंग के अच्छे विकल्प होते हैं।पेरिनियल स्ट्रेचिंग करने के लाभों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
- यदि आपका योनि प्रसव हो रहा है, तो आपके पेरिनियम को काफी फैलने की ज़रुरत होगी, ताकि उससे शिशु का सिर बाहर आ सके। कभी-कभी योनि द्वार को बड़ा करने के लिए एपिज़ीआटमी (सर्जिकल चीरा) की जरूरत पड़ती है, हालांकि पेरिनियल स्ट्रेचिंग से इससे बचने में मदद मिल सकती है।