स्वस्थ शिशु के लिए 3 आहार सिद्धांत।
नई मां होने के नाते आपके लिए यह जानना काफी आरामदेह होगा कि पहले 6 माह शिशु को केवल स्तन दूध (आदर्श रूप से) या फार्मूला दूध की आवश्यकता होती हैं। आपको पोषक आहार बनाने की आवश्य्कता नही है यह सच्चाई, आपके नए मातृत्व को आसान बना सकती हैं।
हालांकि, 6 महीने बाद शिशुओं की पोषक आवश्य्कता सिर्फ दूध पीने से पूरी नहीं होती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि, आपको छ: महीने के करीब ठोस आहार प्रदान करना शुरु करना चाहिए क्योकि इस समय शिशु अपने पाचन तंत्र का विकास कर रहे होते हैं। ठोस आहार बहुत जल्दी शुरु कर देने से पोषण संतुलन और एलर्जी जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। यही समय है जब अपने शिशु के लिए स्वस्थ आहार बनाने के लिए थोड़ा सोच-विचार किया जाना चाहिए, फिर भी 12 महिने की उम्र तक स्तनपान या फार्मूला दूध उनके आहार का एक बड़ा हिस्सा होगा।
यहां कुछ नियम है जो बिना आपको भ्रमित किए यह करने मे मदद करेंगे।
आपके और आपके शिशु के स्वस्थ आहार के 3 बुनियादी सिद्धांत निम्न है-
- विभिन्नता
- पूर्णता
- असंसाधित आहार
ये सहायता सुनिश्चित करती हैं कि आहार पोषक तत्वो से पूर्ण है और सभी उम्र पर लागू हो सकता हैं।
1. विभिन्नता
- आहार में विभिन्नता का अर्थ है कि, विभिन्न प्रकार के खाद्य समूहों का सेवन।इसका अर्थ यह भी है कि एक खाद्य समूह के भीतर विभिन्नता है।
- एक ही खाद्य समूह के आहार प्रकार में से भिन्न आहार देकर, आपके शिशु जो खा रहे है उनमें पोषक तत्वो को बढ़ा सकते है; उदाहरण के लिए, एक ही दिन में दो भिन्न प्रकार के फल।
- आहार में विभिन्नता सुनिश्चित करने के लिए बढ़िया, सरल तरीका यह जांचना है की आहार के रंगो में भिन्नता हों।जैसे कि, लाल फल और बेर (विटामिन C का उत्तम स्रोत), हरी और पीली सब्जियां (विटामिन A से भरपूर), संपूर्ण धान्यबीज और ब्राउन ब्रेड (ज़िंक की ऊंची मात्रा), सफेद मांस (प्रोटिन और आयरन प्रदान करता है), दुग्ध उत्पाद (कैल्शियम और रिबोफ्लाविन के लिए) और भी ढ़ेर सारे।
- सबसे उत्तम है कि, हर दिन विभिन्न प्रकार के स्रोतों में से आहार का चयन करना सबसे उत्तम है। एक या अधिक खाद्य समूहों से वंचित आहार कई बीमारियों के बढ़ते जोखिम से जुड़े होते हैं, परंतु यह भी याद रखें कि प्रत्येक आहार में हर आहार समूह का आहार जरूरी नहीं हैं।
- अपने बच्चों को थोड़ी मात्रा में सभी प्रकार के आहार देकरआप खाद्य पदार्थों में होने वाली समस्या घटको के जोखिम को कम कर सकते हैं, संभावित रूप से उन पर आपके शरीर से होने वाली किसी भी नकारात्मक प्रतिक्रिया को भी!
- आपको अपने बच्चों को सरी उम्र हमेशा नए आहार और व्यंजन प्रदान करने की कोशिश करते रहना चाहिए।
- और संपूर्ण उत्पादों से बने आहार; उदाहरण के लिए, संपूर्ण धान्यबीज ब्रेड में गेहूँ के सारे गुणधर्म होते है; इसी तरह होल बीन सोया पेय।
2. संपूर्णता
- एक अच्छा आहार मुख्य रूप से खाद्यों पर निर्भर होना चाहिए जो संपूर्ण हो और जितना संभव हो, अपनी मूल स्थिति में दिखता हो।
- इससे यह सुनिश्चित होता है कि, आपका आहार महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से समृद्ध है और यह किसी भी संभावित संक्रमण को भी रोक देगा।
- प्रकृति द्वारा निश्चित रूप में खाद्य को निर्धारित करने का एक मकसद है! संपूर्ण फल और सब्जियां खाने से आपके स्वास्थ्य को तो लाभ होगा ही, साथ ही साथ आपके शिशु को भी इसका फायदा होगा।
3. असंसाधित आहार
- आदर्श रूप से, आहार पूर्व-तैयार भोजन, फास्ट फूड, पूर्व तैयार मांस (सॉसेज और सलामी), बिस्कुट, केक, चॉकलेट, स्वादिष्ट बिस्कुट, चिप्स आदि. जैसे संसाधित आहार पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं होना चाहिए।
- आमतौर पर, भोजन जितना कम संसाधित होगा, उसमें उतनी ही ज्यादा उसकी पोषक सामग्री होगी।इसके अलावा, आहार जितना कम संसाधित होता है, उतने ही कम संरक्षक, रंग, स्वाद और मिश्रण उसमे होते हैं।
- हालांकि, आजकल प्रयुक्त उन्नत कार्यविधि तकनीकों को ध्यान में रखते हुए, जमाए हुए और पूर्व-तैयार उत्पादों की बढ़ती श्रेणी उपलब्ध है, जो काफी पौष्टिक भी हो सकती हैं।
बच्चों को कितना खाना और पीना चाहिए, इसके ढ़ेर सारे मार्गदर्शक होने की वजह से, आंकड़ों पर चलना ज्यादा आसान होता हैं। लेकिन आपको हमेशा ध्यान रखना चाहिए: आपके बच्चे की वृद्धि और विकास मार्गदर्शकिओं तक सीमित नहीं हैं।जब तक आप इन 3 सरल नियमों का पालन कर रहे हैं, और आपका शिशु निरंतर विकास और नियमित रूप से मल त्याग रहा है, तो समझ लीजिये कि आप बढ़िया काम कर रहे हैं!